Monday, April 4, 2011

दुनिया के कितने रंग जो देखे..

Pradeep Arya                 Represent:Dr. Santosh Rai

दुनिया के कितने रंग जो देखे..
अहसासों का रंग ना देखा..
खुश्बू का कोई रंग बता दे..
उसकी महक भी मुझे सुंघा दे..
सपनोँ का कोई रंग बता दे..
मेरे ख्वाबों में उनको सजा दो..
ये दुनिया रंगरेजों की बस्ती है..
सबको हर रंग में रंग के जाना है!!

इस दुनिया का रंग निराला है..
जिसने ओड़ा चोला सफ़ेद का ..
वो अंदर से निकला काला है..
जिस पर था रंग सच्चाई का..
वो ही महाभ्रष्ट घोटाला है.....
ये दुनिया रंगरेजों की बस्ती है..
सबको हर रंग में रंग के जाना है.!!

देखा जो नया रंग दुनिया के संबंधों का..
रंग बदलते देखा मैने रिश्ते नातों का..
बदला ना रंग कभी अंतर्मन और विश्वासों का
संबंधों के रंग में रंगे नेक इरादों का...
इंसानियत के रंग में डूबी कसमों वादों का..
ये दुनिया रंगरेजों की बस्ती है..
सबको हर रंग में रंग के जाना है..!!

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