Wednesday, July 13, 2011

जरा इनके बयानों का विरोधाभास देखिये....

प्रस्‍तुतिः डॉ0 संतोष राय

हजारों सिखों का कत्लेआम एक गलती
कश्मीर में हिन्दुओं का नरसंहार एक राजनैतिक समस्या

गुजरात में कुछ हजार लोगों द्वारा मुसलमानों की हत्या एक विध्वंस
बंगाल में गरीब प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी गलतफ़हमी

गुजरात में परजानियापर प्रतिबन्ध साम्प्रदायिक
दा विंची कोडऔर जो बोले सो निहालपर प्रतिबन्ध धर्मनिरपेक्षता

कारगिल हमला भाजपा सरकार की भूल
चीन का 1962 का हमला नेहरू को एक धोखा

जातिगत आधार पर स्कूल-कालेजों में आरक्षण सेक्यूलर
अल्पसंख्यक संस्थाओं में भी आरक्षण की भाजपा की मांग साम्प्रदायिक

सोहराबुद्दीन की फ़र्जी मुठभेड़ भाजपा का सांप्रदायिक चेहरा
ख्वाजा यूनुस का महाराष्ट्र में फ़र्जी मुठभेड़ पुलिसिया अत्याचार

गोधरा के बाद के गुजरात दंगे - मोदी का शर्मनाक कांड
मेरठ, मलियाना, मुम्बई, मालेगाँव आदि-आदि-आदि दंगे - एक प्रशासनिक विफ़लता

हिन्दुओं और हिन्दुत्व के बारे बातें करना सांप्रदायिक
इस्लाम और मुसलमानों के बारे में बातें करना सेक्यूलर

संसद पर हमला भाजपा सरकार की कमजोरी
अफ़जल गुरु को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद फ़ाँसी न देना मानवीयता

भाजपा के इस्लाम के बारे में सवाल सांप्रदायिकता
कांग्रेस के रामके बारे में सवाल नौकरशाही की गलती

यदि कांग्रेस लोकसभा चुनाव जीती सोनिया को जनता ने स्वीकारा
मोदी गुजरात में चुनाव जीते फ़ासिस्टों की जीत

सोनिया मोदी को कहती हैं मौत का सौदागर” – सेक्यूलरिज्म को बढ़ावा
जब मोदी अफ़जल गुरु के बारे में बोले मुस्लिम विरोधी

क्या इससे बड़ी दोमुँही, शर्मनाक, घटिया और जनविरोधी पार्टी कोई और हो सकती है?

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