Wednesday, August 17, 2011

सारी दुनिया मुसलमान बन जाये तो ?

बी.एन.शर्मा

प्रस्‍तुतिः डॉ0 संतोष राय

यद्यपि ऐसा होना नितांत असंभव और शेखचिल्ली के सपने जैसा है .जो कभी सच्चा नहीं हो सकता .यह लेख लिखने की प्रेरणा मुझे अपने एक जागरुक पाठक श्री "परिमल मुखर्जी "के कमेन्ट से मिली है ,जो उन्होंने दिनांक 10 अगस्त 2011 को मेरे लेख पर दिया था .जिसमे जकारिया नायक के द्वारा लोगों का धर्म परिवर्तन कराने की बात कही थी .जकारिया जैसे लोग मुसलमानों की "Quality सुधारने की जगह उनकी "Quantity "बढ़ाने में लगे रहते है .और ऐसे ही लोग इस्लाम के पतन ,और मुसलमानों की बर्बादी का कारण बनेगे .यदि हम एक मिनट के लिए मान लें कि सारी दुनिया मुसलमान हो गयी ,तो यह आपस में लड़ लड़ कर खुद समाप्त हो जायेंगे .जरा सोचिये ईरान -ईराक युद्ध क्यों हुआ था ,पाकितान से बंगला देश अलग क्यों हुआ ,मिस्र ,लीबिया ,सीरिया ,यमन में दंगे क्यों हो रहे हैं .शिया- सुन्नी .वहाबी -बरेलवी क्या कभी एक हो सकते है .अफगानिस्तान को क्या हिन्दुओं ने बर्बाद किया .जकारिया जैसे लोगों की तालीम के कारण मुसलमानों को आपस में लड़ने के लिए अनेकों बहाने मिल जायेंगे .वह एक दुसरे को काफ़िर ,और मुनाफिक बता कर क़त्ल करते रहेंगे .इसी के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है.
मुसलमान अक्सर यह तर्क देते हैं कि इस समय विश्व में पचास से अधिक इस्लामी देस हैं ,इसलिए इस्लाम एक सच्चा धर्म .और मुसलमान इस कुतर्क से लोगों परोक्ष रूप से धमकी देते हैं ,या प्रभावित करने की चेष्टा करते हैं .लेकिन वह बड़ी चालाकी से इस तथ्य को चूप लेते हैं कि इस समय मुसलमानों के 73 फिरके हैं ,जो एक दुसरेके परम शत्रु हैं .इनकी मान्यताओं ,विचारों ,तौर तरीके बिलकुल अलग हैं .शिया सुन्नी झगड़े आये दिन होते रहते हैं .जिसके बारे में सभी लोग जानते हैं .लेकिन इनके अंदरूनी विवाद के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं . 
शियाओं में अधिकांश इसना अशरी(Twelver ) होते हैं अली से लेकर इमाम मेहदी तक 12 इमामों को मानते हैं .जिसमे 11 इमाम मर चुके हैं .लेकिन शियाओं की मान्यता है कि 12 वे इमाम मेहदी इसी दुनिया में गुप्त रूप से मौजूद हैं .और निश्चित समय पर प्रकट होंगे .शिया यह भी मानते हैं कि असली कुरान इमाम मेहदी के पास सुरक्षित है .शिया सुन्नियों के खलीफाओं ,और सहाबिओं,हदीसों ,और शरियत को नहीं मानते .यहांतक कि शिया मुहम्मद की पत्नी आयशा और हफ्शा को दुश्चरित्र और मुहमद की हत्यारी कहतेहैं . 
शियाओं की मुख्य किताबें यह हैं 1نهج البلاغ .नहजुल बलाग 2 .اُصول كافيउसूले काफी 3 .حياة القُلوبहयातुल कुलूब 4 .और حقُّ الايمانहक्कुल ईमान . 
कुछ समय पाहिले मैंने उर्दू में एक किताब " शिया सुन्नी इख्तिलाफात "पढ़ी ,जिसे मौलाना "नौमानी "ने लिखा है .और यह किताब एक सुन्नी साईट http://ahanaf .com में उपलब्ध है .


मौलाना नौमानी ने अपनी इस किताब में जो लिखा है ,वह ज्यों का त्यों उर्दू से हिंदी में लिखा जा रहा है - 
"शियाओं के कुफ्रिया अकायद (मान्यताएं )और तकफीर (नास्तिकता )के लिए उनको काफ़िर करार दिया जा सकता है .शिया अपने कौल और अमल के खिलाफ कम करते हैं.और अपनी किताबें छुपाते हैं .इसलिए उनको मुनाफिक (कपटी )जिन्दीक (भ्रष्ट )और काफ़िर करार दिया जा सकता है .शियाओं को कोई सुन्नी मुसलमान बर्दाश्त नहीं कर सकता है .क्योंकि शियाओं के अकायद यह है - 
1 -शियाओं के अकायद. 
" इमाम के बगैर दुनिया कायम नहीं रह सकती है ."उसूल काफी -पेज 103 
"इमाम को मानना ईमान की शर्त है "उसूल काफी -पेज 105 
"इमाम की अताअत फर्ज है "उसूल काफी -पेज 109 
"इमाम जिसे चाहें हलाल और जिसे चाहें हराम कर सकते हैं "उसूल काफी -पेज 278 
"शिया जालिम और फ़ासिक भी हो ,तोभी जन्नत में जायेगा "उसूल काफी -पेज 238 
"शिया मुसहफे फातिमा को असली कुरान मानते हैं .इमाम जफ़र के मुताबिक यह कुरान से तिन गुना बड़ी थी "उसूल काफी -पेज 146 
"इमाम जफ़र ने कहा कि जो अपने दीन(धर्म )को छुपाकर रखेगा ,अल्लाह उसे इज्जत देगा ,और जो अपने दीन को जाहिर कर देगा अल्लाह उसे रुसवा और जलील कर देगा "उसूल काफी -पेज 458 
"इमाम दुनिया और आखिरत के मालिक हैं ,वह जिसे चाहें बक्श(क्षमा )कर सकते हैं "उसूल काफी -पेज 259 
"इमाम जफ़र ने कहा कि दीन के दस हिसे हैं ,जिसमे से नौ हिस्से शियाओं के पास है .बाकी सब बे दीन (अधर्मी )हैं "उसूल काफी -पेज 486 
2 -कुरान में तब्दीली और कमीबेशी 
"शिया लोगों का अकीदा है कि ,कुरान में तब्दीली ,और कमीबेशी कि गयी है .इमाम जाफर ने कहा कि असली कुरान जो मुहमद पर नाजिल हुई थी उसमे 17000 आयतें थीं "उसूल काफी -पेज 671 
"कुरान का दो तिहाई हिस्सा गायब कर दिया गया है "उसूल काफी ,फासले ख़िताब -पेज 70 
"शियाओं का दावा है कि ,असली कुरान तो वह था ,जो अली ने मुरत्तिब (सम्पादित )किया था .और असली कुरान आज इमाम मेंहदी ले पास है "
उसूल काफी -पेज 139 
"कुरआन से पंजतन पाक (मुहम्मद के परिवार के लोग ,फातिमा ,अली ,हसन और हुसैन ) के बारे में और इमामों के बारे में जो भी लिखा था उसे निकाल दिया गया ,और कुरान में तहरीफ़ की गयी है "उसूल काफी -पेज 623 
"अबूबकर ,उस्मान और उमर ने कुरान को बदल दिया था ,इसके लिए यह लोग मुजरिम और काफ़िर हैं "उसूल काफी -पेज 647 
3 -सहाबा और तीन खलीफा जहन्नमी और लानती हैं 
"इमाम के मायने अली ,कुफ्र का मतलब अबू बकर ,और फस्क का मतलब उस्मान और उमर है "उसूल काफी -पेज 269 
"जो अली की इमामत से इन्कार करे वह जहन्नमी है "उसूल काफी -पेज 270 
"जिस तरह अल्ल्लाह ने रसूल को नामजद (नियुक्त )किया था ,उसी तरह अली कोऔर 12 इमामों को नामजद किया था "उसूल काफी -पेज 170 
"अबू बकर ने खिलाफत पर बैठने से पहिले शैतान से बैयत (प्रतिबद्धता )की थी "फरोगे काफी -किताबे रौजा -पेज 159 और 160 
"यह तीनों खलीफा (अबू बकर ,उस्मान ,उमर )और सभी सहबा मुर्तद और फासिक हैं "उसूल काफी -किताब रौजा -पेज 115 
"अल्लाह के कामों में गलती भी हो सकती है ,जिसे बदा(بدا )कहा जाता है "उसूल काफी -पेज 814 
"इमाम रजा ने कहा है की अल्लाह ने हमें "बदा "का अधिकार देकर भेजा है "उसूल काफी -पेज 86 
4 -जब इमाम मेहदी प्रकट होंगे तो -
"जब इमाम मेहदी आयेंगे तो ,रसूल उनसे बैयत करेंगे "हक्क्कुल यकीन-पेज 139 " 
"मुहम्मद की पत्नी आयशा को जिन्दा करेंगे ,और उससे फातिमा के ऊपर किये गए जुल्मों का इंतकाम लेंगे .और आयशा को दर्दनाक सजाएँ देंगे " 
हक्कुल यकीन -पेज 145 
"अबू बकर उस्मान और उमर को कब्र सेनिकाला जायेगा और जिन्दा करके हजारों बार सूली पर चढ़ाया जायेगा "हक्कुल यकीन -पेज 145 
"काफिरों से पहिले ,इन तीनों खलीफाओं और सहबिओं को सजा दी जाएगी .और बार बार जिन्दा करके क़त्ल किया जायेगा .फिर इनको नेस्तनाबूद कर दिया जायेगा "हक्कुल यकीन जिल्द 2 पेज 527 
"आयशा और हफ्शा ने रसूल को जहर दिया था .और शहीद किया था .इनको किये की सजा दी जाएगी "हयातुल कुलूब -पेज 870 
"जब इमाम मेहदी आएंगे तो ,आयशा को जिन्दा करके उस पर कोड़े लगायेगे "हक्कुल यकीन .जिल्द 2 पेज 361 
"इमाम मेहदी काफिरों से पहिले सुन्नियों क़त्ल करवाएंगे "हक्कुल यकीन .जिल्द 2 पेज 527 
"शिया मानते हैं कि रसूल कि मौत के बाद ही सारे सुन्नी मुरतद(धर्म भ्रष्ट ) हो गए थे ,सिवाय अबू जर और सलमान फारसी के ' 
उसूल काफी .जिल्द 3 पेज 115 
5 -शिया -सुन्नी में अंतर 
शिया सुन्नी में मुख्य अंतर यह है 
1 .शिया इमामों को और सुन्नी खलीफाओं को मानते हैं 
2 .दौनों की अजाने और नमाजों के तरीके अलग हैं . 
3 -शिया तीन बार और सुन्नी पांच बार नमाज पढ़ते है . 
4 .शिया अस्थाई शादी "मुतआ "करते है . 
5 .शिया सिर्फ अली को मानते हैं .बाकी सभी खलीफाओं और सहबियों को मुनाफिक (पाखंडी )गासिब (लुटेरा )जालिम (क्रूर )और इमां से खाली मानते हैं . 
6 .शियाओं का नारा है "नारा ए हैदरी "और "या अली है . 
7 .शिया मानते हैं कि सुन्नियो ने ही इमाम हुसैन को क़त्ल किया था .और सुन्नी अपराधी हैं. 
8 .शिया यह भी मानते हैं कि ,मुहमद की पत्नी आयशा और हफ्शा चरित्रहीन और षडयंत्रकारी थी इन्हीं ने मुहम्मद को जहर देकर मारा था 
6 -तबर्रा धिक्कार . 
तबर्रा एक प्रकार की गाली (Insult )जो शिया मुहर्रम के महीने के एक तारीख से दस तारीख तक अपनी मजलिसों में खलीफाओं सहबियों और सुन्नियों को देते है .शिया बहुल क्षेत्रों जैसे लखनऊ ,हैदराबाद में तबर्रा खुल कर कहा जाता है .तबर्रा कविता के रूप में बोला जाता है .दक्खिन के शासक " قلي قتب شاهकुली क़ुतुब शाह "ने तबर्रा की एक पूरी किताब ही लिख दी है .जो दक्खिनी बोली में है .उसका एक नमूना देखिये - 
"इमामां पर हुए जो जुल्म नको पूछो मुसलमाना 
ये बातां तुम से कहने में कलेजा मुंह को आया है , 
सुवर के गू में मून्छियाँ दाढ़ियाँ यजीदियाँ की 
हजारां लानताँ उस पर कि जिसने ऐसा जाया है " 


वास्तव में मुसलमान संतरे की तरह है ,कि जो देखने में एक लगता है ,लेकिन उसके अन्दर फाकें ही फांकें है .इसी तरह मुसलामामों के दूसरे फिरके भी है जो एक दुसरे को फूटी आँखों से नहीं देखना चाहते है .जो मसलमान यह सपने देख रहे है जैसे जैसे मुसलमान बढ़ाते जायेगे ,वह मजबूत होते जायेंगे .लेकिन यह मुसलमानों का केवल सपना ही है .जैसे जैसे मुसलमान बढ़ेंगे उतने ही लड़ेंगे ,और इनको परस्त करने में कोई देर नहीं लगेगी .केवल प्रयास करने की,जरूरत है .और उचित समय की देर है !
इसी तरह वहाबी (देवबंदी (,बरेलवी ,सूफी ,बोहरा ,इस्माइली ,कुर्द सब एक दुसरे को मुसलमान नहीं मानते .और काफ़िर ,मुनकिर ,मुनाफिक या बिदआती कहते . मुल्लों की तालीम के कारण लड़ना मुसलमानों का स्वभाव बन गया .हरेक में कट्टरपन जहर भर गया है .अभी तो उनके लड़ने के लिए गैर मुस्लिम मौजूद है .अगर जिस दिन दुर्भाग्य से सभी मुसलमान बन गए तो उसी दिन मानव जाति का सफाया हो जायेगा 
.इनके अंतर्विरोध के बारे में अलग से विस्तार से कभी आगे लिखा जायेगा .
इसलिए अगर इस पृथ्वी पर मानव जाति को बनाए रखना है ,तो इस्लाम के जहरीले दुष्प्रचार ,और जकारिया जैसे कुटिल लोगों का हर तरह से पूरी ताकत के साथ विरोध करना हम सबका परम कर्तव्य होना चाहिए .

http://ahnaf.com
 

1 comment:

Anonymous said...

AADARNIYA SHARMAJI.
MUJHE HARSH HAI KE AAP ACHE WIDWAN HAI.LEKIN AAPKO JO KITABO KE HAWALE SE BATAYA GAYA UNMESE KISI EK BHI SHIA KITAB KA AAP UPCHARAN KARE AUR AAP KHUD APNI RAY DE TO MUJHE BAHUT KHUSHI HOGI.KYUKI SHIA MAZHAB WIDWANO KI BAHUT IZZAT KARTA HAI WO DHARM AUR ADHARM NAHI DEKHTA JO SAHI KAHE WAHI DHARM HAI.AAP JAISE WIDWANO KI BAHUT ZARURAT HAI.PLEASE AAP SHIA KITABE PADHE AUR JISNE AAPKO BATAYA HAI USME ANTAR DEKHE.AAP KI MAHAN KRUPA HOGI.