Wednesday, August 24, 2011

दोगला दिग्विजयसिंह

बी.एन. शर्मा

प्रस्‍तुति: डॉ0 संतोष राय

आज भारत का  व्यक्ति हरेक  इस बात को स्वीकार कर चूका है कि भ्रष्टाचार और कांगरेस समानार्थी शब्द बन चुके हैं .कांगरेसियों का उद्देश्य देश का कल्याण करना नहीं ,केवल देश को लूट कर अपना घर भरना है .कांगरेसी अपने कुकर्मों पर परदा डालने के लिए कितने गिर सकते हैं ,यह भी देशवासी देख चुके हैं .कांग्रेसी कभी देश का भला कर सकेंगे ऐसा सोचना भी गलत होगा .क्योंकि अधिकांश कांगरेसी यातो दोगले अर्थात वर्ण संकर हैं ,या गदारों की संतान है .जैसे पूरा सोनिया खानदान दोगली औलाद है .इसी तरह कांगरेस का महामंत्री दिग्विजय सिंह एक गद्दार बाप की औलाद है ,जो अंगरेजों का पिट्ठू था . 
लोगों पर झूठे आरोप लगाना ,अपने बयान बदलना ,अपनी कही गयी बातों से मुकरना यानि अपना थूक खुद चाट लेना कांगरेसियों का स्वभाव है .आज सारा भारत जिस अन्ना हजारे की जयजयकार कर रहा है ,उसे दिग्विजय ने भ्रष्ट बता दिया .लेकिन वही दिग्विजय कभी अन्ना की तारीफ़ करते हुए नहीं थकता था .इसी तरह जिस आर .एस .एस. को दिग्विजय आतंकवादी कहता है ,उसे एक समय उसकी प्रशंसा किया करता था .हम आपके सामने ऐसे दो उदहारण प्रस्तुत कर रहे हैं ,जिसमे दिग्विजय ने अन्ना हजारे और आर .एस.एस की तारीफ की थी .और कांगरेसियों को उन से सीखने की हिदायत दी थी .यह दौनों बातें प्रमुख अखबारों में छपी है .यहाँ पर उनके शीर्षकों के साथ खबरों के मुख्य अंश दिए जा रहे हैं . 
1 -आर .एस,एस वालों से कुछ सीखिये 
यह 3 सितम्बर 1998 की बात है ,जब पचमढी म .प्र में कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था .उस समय दिग्विजय मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री था .उस अधिवेशन में कांग्रेसी नेताओं को पर्यटन विभाग के होटल में अपनी पसंद के कमरे नहीं मिले थे और लोग कमरों के लिए झगड़ रहे थे .जिसमे कांग्रेस प्रवक्ता गिरिजा व्यास ,सुनील दत्त ,युवा कांग्रेस के अध्यक्ष मनीष तिवारी ,अर्जुन सिंह का लड़का राहुल सिंह भी शामिल थे .इन सभी ने मिलकर दिग्विजय को घेर लिया और व्यवस्था के बारे में नाराजगी जाहिर की .दिग्विजय एक सफ़ेद सिवेलो कर में बैठे थे .और सोनिया की अगवानी की तय्यारी में लगे हुए थे .लेकिन इन कांग्रेसियों ने सारी मर्यादाओं को ताक पर कमरों के लिए हंगामा कर दिया .बाद में इस हंगामे में तारिक अनवर ,अहमद पटेल और गुलाम नबी आजाद भी शामिल हो गए .इन लोगों ने दिग्विजय की गाडी को घेर लिया .दिग्विजय ने उन लोगों को फटकारते हुए कहा "कि आपको भाजपा और आर.एस.एस. के लोगों से कुछ सिखाना चाहिए ,वह लोग अनुशासन में रह कर सिर्फ अपना काम करते हैं .और कांग्रेसियों की तरह जरा जरा सी बात पर कुत्तों की तरह नहीं लड़ते ." उसी अधिवेशन में शरद पवार ने सोनिया से अपना मतभेद होने की बात स्वीकार थी . 
दैनिक भास्कर -4 सितम्बर 1998 .पचमढ़ी ,मध्य प्रदेश ( संवाददाता .महेश श्रीवास्तव )


2 -दिग्विजय का अन्ना प्रेम 
इसी तरह जब अन्ना हजारे जब 20 अगस्त 1998 को झाबुआ (म प्र )की हाथी बाबा नामकी एक पहाड़ी का दौरा करने गए थे तो उसका इंतजाम दिग्विजय ने किया था .और अन्ना की तारीफ करते हुए कहा था "मेरे साथ आये हुए अन्ना हजारे एक ऐसे महान व्यक्ति हैं ,जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन देश के लिए समर्पित कर दिया है .दिग्विय ने अन्ना का दौरा सरकारी खर्चे से करवाया था .और कहा था की मैं अन्ना के द्वारा उनके पैतृक गाँव में किये गए विकास कार्यों से बहुत प्रभावित हूँ .और दिग्विजय ने आना के विकास मॉडल को अपनाने का आदेश कलेक्टरों को दिया था .और दो दर्जन बसों में तमाम कलेक्टरों को भर कर रालेगन सिद्धि (अन्ना का गाँव )का दौरा भी करवाया था .साथ में सभी लोगों को शिर्डी के साईं का दर्शन भी कराया था . 
दैनिक जागरण -भोपाल .19 अगस्त 2011 


आज दिग्विजय को न तो आर. एस .एस का अनुशासन दिखाई दे रहा है ,और न अन्ना हजारे की राष्ट्र सेवा दिखाई दे रही है .यह बात अकेले दिग्विजय की नहीं है , सभी कांग्रसी दोगले और थूक चाटने वाले है .जो कपिल सिब्बल कभी बाबा रामदेव का स्वागत करने के लिए आगे आगे रहता था ,और उनको सम्मान पूर्वक बिठाता था .दो दिन बाद ही उनको भ्रष्टाचारी कहने लगा . 
हमें यह बात अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि कभी हरामियों और गद्दारों की नस्ल से देशभक्त पैदा नहीं हो सकते .हमारा दुर्भाग्य है कि आज देश पर एक वर्ण संकर दोगला परिवार हावी है .जो हमारी सभी समस्यायों का कारण है .
गीता में भी कहा गया है - 
दोषैरतैः कुलघ्नां वर्णसंकरकारकैः
उत्साद्यन्ते जातिधर्माः कुलधर्माश्च शाश्वताः गीता 1 :43 


अर्थात ऐसे वर्णसंकर (दोगले ) दोष से जन्मे लोगों से सनातन धर्म ,जाति और देश नष्ट हो जाता है .


हमें यह बात बताने की जरुरत नहीं है कि कांग्रेस में सबसे कुख्यात दोगला खानदान कौन है .फिर भी आपकी नजर में जो सबसे प्रमुख दोगला वंश हो टिपण्णी जरुर करिए .
 
 
 

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