Saturday, September 17, 2011

महज 20 महीने और भ्रष्टाचार के 50 महाघोटाले!

इक्कीसवीं सदी के भारत में कांग्रेस की बागड़ोर उनकी इटालियन पत्नि सोनिया गांधी
के हाथ में है। सरकार की कमान भी 2004 के उपरांत अप्रत्यक्ष तौर पर उन्हीं के
पास है। इक्कीसवीं सदी के पहले दशक में कांग्रेस को अपने ही लोगों के कारण जो
लानत मलानत झेलनी पड़ी उससे वर्तमान कांग्रेसी तो शर्मसार नहीं दिखते पर
कांग्रेस का उजला अतीत जरूर कांतिहीन होता जा रहा है। कांग्रेसनीत संप्रग सरकार
की दूसरी पारी में महज बीस महीनों में ही भ्रष्टाचार के आधा सैकड़ा मामले सामने
आए हैं जिसमें दस लाख करोड़ रूपयों से ज्यादा का खेल खेला गया है। सरकार के
सामने जनता के गाढ़े पसीने की कमाई की होली खेली जाती है और सरकार खामोश है। देश
लुटता रहा, मंत्री सरकारी खजाने का धन लुटाते रहे। लेकिन वजीरे आजम, कांग्रेस
की राजमाता और युवराज के अंदर इतना माद्दा नहीं था कि वे किसी से प्रश्न कर
सकें, इन परिस्थितियों में कैसे कह दिया जाए कि प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह,
कांग्रेस की राजमाता श्रीमति सोनिया गांधी और उनके पुत्र कांग्रेस महासचिव
राहुल गांधी ईमानदार हैं।


इक्कीसवीं सदी का पहला दशक भारत गणराज्य के लिए बुरे सपने समान कहा जा सकता है।
इस दशक में जितने घपले घोटाले सामने आए हैं उनकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है।
एक के बाद एक भ्रष्टाचार, घपले, घोटाले में घिरी कांग्र्रेस के पास बचाव का कोई
रास्ता नहीं दिखा। इसी बीच इक्कीसवीं सदी में योग साधना के आकाश में धूमकेतू
बनकर उभरे स्वयंभू योग गुरू बाबा रामदेव ने भ्रष्टाचार और विदेशों में जमा काले
धन को वापस लाने के लिए अभियान छेड़ दिया। कांग्रेस के शातिर प्रबंधकों ने बाबा
रामदेव को घेर दिया। बेचारा योगी किसी तरह से जान बचाकर दिल्ली के रामलीला
मैदान से भाग खड़ा हुआ। इसके बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले गांधीवादी
अण्णा हजारे की आवाज सिंहनाद बनकर उभरी और फिर क्या था। समूचा देश कांग्रेस और
भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा हो गया। देश में गली गली में ‘‘मैं अण्णा
हूं‘‘ की आवाज ने कांग्रेस को घुटनो पर बैठने मजबूर कर दिया।

(01) संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार की दूसरी पारी में महज एक साल में ही दस
लाख करोड़ रूपयों की भ्रष्टाचार के हवन कुण्ड में आहुती देने से हाहाकार
मच गया।नेशनल कैंपेन अगेंस्ट करप्शन ने मई 2009 से जनवरी 2011 तक के बीच
हुए प्रमुख
भ्रष्टाचार के महाकांडों की फेहरिस्त तैयार की है। इसमें पहली पायदान पर संचार
मंत्रालय द्वारा टूजी स्पेक्ट्रम लाईसेंस में केंद्रीय महालेखा नियंत्रक एवं
परीक्षक ने पौने दो सौ लाख करोड़ रूपए की हानि का प्रकरण है। इस प्रकरण में
सीबीआई ने पूर्व संचार मंत्री आदिमत्थू राजा सहित अनेक अफसरान को शिकंजे में कस
दिया है।

जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी का आरोप है कि टूजी में ही कांग्रेस और
द्रविड़ मुनैत्र कड़गम के नेताओं ने साठ हजार करोड़ की रिश्वत ली है।
(02) इसके बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की विपणन कंपनी और एक निजी
क्षेत्र की कंपनी देवास मल्टी मीडिया के बीच दो उपग्रहों के दस ट्रांसपोंडर को
बारह वर्ष के लिए लीज पर देने के मामले में सीएजी ने प्राथमिक परीक्षण में दो
लाख करोड़ रूपए का नुकसान आंका है।

(03) उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) का अनाज नेपाल,
बंग्लादेश और अफ्रीका जैसे देशों में बेचने का मामला प्रकाश में आया जिसमें दो
लाख करोड़ का घोटाला सामने आया है।

(04) इसके बाद नंबर आता है राष्ट्रीयकृत बैंक का भवन आवासीय ऋण घोटाला जिसे
छत्तीस हजार करोड़ रूपयों का आंका गया है। सिटी बैंक में अरबों रूपयों के
केंद्रीय सरकार के मैटल स्क्रेप ट्रेडिंग कार्पोरेशन के छः सौ करोड़ रूपए के
सोने का महाघोटाला भी इसी फेहरिस्त में शामिल है।

(05) महाराष्ट्र प्रदेश के पूना के एक अस्तबल के मालिक हसन अली खान के स्विस
बैंक, यूबीएस ज्यूरिक में सवा आठ अरब डालर अर्थात लगभग छत्तीस हजार करोड़ रूपए
के खाते के रहस्य से भी पर्दा उठा। 2009 - 2010 के बजट में यह रहस्य भी सामने
आया कि हसन अली के उपर लगभग साढ़े पचास हजार करोड़ रूपयों का आयकर बाकी है। सिविल
सोसायटी के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने सरकार की मुखालफत की तो सरकार ने उन पर
तत्काल शिकंजा कस दिया किन्तु एक जरायमपेशा व्यक्तित्व पर पचास हजार करोड़ का
आयकर कैसे बाकी रह गया यह यक्ष प्रश्न आज भी अनुत्तरित ही है।

एक चाटर्ड एकाउंटेंट का कथन था कि हसन के विदेशी खातों में छत्तीस हजार करोड़ के
बजाए डेढ़ लाख करोड़ रूपए होना अनुमानित है। आयकर चोर एक मामूली घोडों के अस्तबल
का मालिक हसन अली कितना रसूखदार है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि
उसके इंटेलीजेंस ब्यूरो के पूर्व निदेशक अजीज डोवाल, प्रोफेसर आर.वैद्यनाथन,
एस.गुरूमूर्ति, महेश जेठमलानी के अलावा कांग्रेस के आलाकमान से भी संबंधों का
खुलासा हुआ है।

(06) पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त जे.एम.लिंगदोह, पूर्व राजस्व सचिव जावेद
चौधरी, सहित अनेक अफसरों ने केरल के पामोलिन कांड में आरोपी भारतीय प्रशासनिक
सेवा के अधिकारी पी.जे.थामस को केंद्रीय सतर्कता आयुक्त बनाए जाने को चुनौती
दी। बाद में सरकार को इस मामले में अपने कदम वापस लेने पड़े और भ्रष्ट अधिकारी
थामस को सीवीसी के पद से हटाना ही पड़ा।

(07) देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा व्यवस्था की पोल तब खुली जब पचपन हजार
करोड़ रूपयों की लड़ाकू हवाई जहाज की खरीद से संबंधित गोपनीय नस्ती सड़क पर
लावारिस हालत में मिली।

(08) तत्कालीन नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने निजी एयरलाईंस की मदद
करते हुए एयर इंडिया के डैनों की हवा निकाल दी। आज आलम यह है कि एयर इंडिया
भारी कर्जे में है और उसके पास तेल के बाकी पैसे चुकाने तक को पैसे नहीं है। आज
एयर इंडिया के कर्मचारियों को तनख्वाह देने के बांदे हैं।

(09) खाद्य मंत्री शरद पंवार पर आरोप है कि उन्होने अदूरदर्शिता का परिचय देते
हुए कम दाम वाली चीनी और प्याज के निर्यात की अनुमति दे दी जिससे देश में इनका
संकट तो पैदा हुआ ही साथ ही साथ इनकी दरें तेजी से उपर आईं। फिर पंवार ने इनका
आयात आरंभ किया।

(10) कार्पोरेट घरानों की तगड़ी पैरोकार नीरा राड़िया के टेप ने तो मानो भारत के
सियासी तालाब में मीटरों उंची लहरें उछाल दीं। नीरा राडिया के टेप कांड में जब
यह बात सामने आई कि द्रमुक के सांसद आदिमुत्थु राजा को मंत्री बनाए जाने में
लाबिंग की गई तब लोगों के हाथों के तोते उड़ गए। इसमें अनेक मंत्रियों पर सरेआम
पंद्रह फीसदी कमीशन लेकर देश सेवा तक करने की बात भी कही गई। विडम्बना यह कि
साफ साफ आरोपों के बाद भी न तो मनमोहन कुछ करने की स्थिति में हैं और न ही इस
मामले में सोनिया गांधी ही कुछ कर पा रही हैं।

(11) मामला अभी शांत नहीं हुआ है। सीएजी ने कामन वेल्थ गेम्स में हजारों करोड़
रूपयों की होली खेलने की बात कही गई। कांग्रेस के चतुर सुजान मंत्री कपिल
सिब्बल कभी कलमाड़ी के बचाव में सामने आए तो कभी तत्कालीन संचार मंत्री ए.राजा
के। अंततः दोनों ही को जेल की रोटी खानी पड़ रही है। केंद्रीय महालेखा नियंत्रक
और परीक्षक ने कामन वेल्थ गेम्स में सत्तर हजार करोड़ रूपयों की अनियमितता पकड़ी
है।

(12) बिहार सरकार ने वहां के पूर्व राज्यपाल बूटा सिंह द्वारा अरबों रूपयों के
नदी तटबंधों के ठेकों की जांच के आदेश भी जारी किए हैं।

(13) सीबीआई ने उनके पुत्र को एक करोड़ रूपए रिश्वत लेते रंगें हाथों धरा है।

No comments: