Saturday, October 29, 2011

बांग्‍लादेश व पाक से हिन्‍दुओं को शरणार्थी व मुसलमान को घुसपैठिया मानना चाहिये

 इसके उत्तर के लिए आपको स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व स्मरण करना उचित होगा । उस समय मुसलमानों ने भारत का विभाजन कराया । गांधी जी ने कहा था कि देश का बंटवारा मेरी लाश पर होगा । तब जिन्ना ने १४ अगस्त १९४६ को प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस मनाया जिसमें पूरे देश में लाखों हिन्दुऒ को काट डाला गया । हिन्दुऒ पर होने वाले अत्याचारों से डरकर भारत के नेताऒ ने देश का बंटवारा स्वीकार कर लिया । तब पाकिस्तान में रहने वाले हिन्दुऒ पर अत्याचारों का अंतहीन दौर शुरू हुआ जो अब तक जारी है । तब वहां से हिन्दू् भाग भाग कर भारत आने लगे तब सरदार पटेल ने उन्हें रोकते हुए आश्वासन दिया कि आप जहां है वही रहें यदि कोई समस्या आती है तो भारत में आपको पूर्ण शरण दी जाएगी । वे हिन्दू भारत को ही अपनी मातृ भूमि मानते थे पर मुसलमानों की हठधर्मिता के कारण उन्हें अपने देश से अलग कर दिया गया वे पाकिस्तान अपनी इच्छा से नही रह गए थे वरन मजबूरी में वहां रहना पड़ा । अब जब वहां हिन्दू के रूप में रहने का पाकिस्तान व बांग्लादेश में कोई प्रश्न ही नहीं रह गया है तो उन्हें अपने देश में शरण देना हमारा नैतिक कर्तव्य है । वही दूसरी ऒर मुसलमान जिन्होने अपने गुण्डागर्दी के आधार पर भारत का बंटवारा कराया लड़ कर अपने लिए नया देश बनाया उन्हें इस देश में आने कोई हक नही है । अतः स्पष्ट है कि यदि पाकिस्तान या बांगलादेश से कोई मुसलमान आता है घुसपैठिया है व यदि हिन्दू आता है तो शरणार्थी है । 

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