Wednesday, November 30, 2011

हिन्‍दू महासभा का राष्‍ट्रपति के नाम खुला पत्र

महामहिम,
श्रीमती प्रतिभा सिंह देवी पाटिल,
भारत सरकार
राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली
विषय : पाकिस्तानी हिन्दुओं के मानवाधिकार हनन, उत्पीड़न, यौन शोषण, धर्मान्तरण के सन्दर्भ में
महोदय,
सविनय निवेदन है कि १५ अगस्त १९४७ को हिन्दुस्थान का विभाजन कांग्रेस, मुस्लिम लीग और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कारण हुआl हिन्दू महासभा ने उस समय भी विभाजन का मुखर विरोध किया था, कांग्रेस कार्य समिति में कांग्रेस ने भी स्वीकार किया था कि विभाजन अल्पकाल के लिए हो रहा है और पुनः भारत अखंड होगा l
१९४६ में भी कांग्रेस ने अखंड हिन्दुस्थान के लिए वोट माँगा था, फिर भी राष्ट्र के विभाजन का पाप किया
हिन्दुस्थान के विभाजन का उस समय हिन्दू महासभा द्वारा जो विरोध किया गया और जो अनुमान लगाये गए वो आज पुर्णतः सत्यापित हो रहे हैं, विभाजन के समय जो जघन्यता और क्रूरता इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा हिन्दुओं के प्रति दिखाई गयी दिखाई गयी थी वो आज भी निरंतर गतिशील है l
डाक्टर बाबा साहेब भीमराव रामजी अम्बेडकर द्वारा सुझाए गये मार्ग को उस समय कि सरकार ने अपने स्वार्थों को सिद्ध करने और सत्ता-लोलुभता के चलते त्याग दिया था, मैं विस्तृत विवरण में नहीं जानता चाहता क्योंकि आप विदूषी आदरणीय महिला हैं और भारत कि प्रथम नागरिक हैं.... अतः सम्पूर्ण विषय आपके संज्ञान में है l १५ अगस्त १९४७ के पहले ये सभी भारतीय थे l हमारी कूटनीतिक विफलता के कारण आज ये भारतीय नही हैं l कांग्रेस ने अपनी कार्य-समिति में निर्णय लिया था, उस निर्णय के तहत इन हिन्दुओं के मानवाधिकारों का रक्षण करने का दायित्व आपका है l
आसिन्धु-सिन्धु पर्यन्ता यस्य भारत भूमिका। पितृ भू: पुन्यभूशचैव स वै हिन्दुरिति स्मृत:।।
अर्थात सिन्धु के उदगम स्थान से समुद्र पर्यन्त जो भारत भूमि है उसे जो पितृ-भूमि तथा पुण्य-भूमि मानता है, वह हिन्दू कहलाता है।इस प्रकार कि समस्या युगांडा के तानाशाह ईदी अमीन द्वारा उपस्थित कर दी गयी थी, और हिन्दुओं को राष्ट्र से निष्कासित कर दिया गया था l
उस समय हिन्दुस्थान कि प्रधान मंत्री माननीय श्रीमती इंदिरा गाँधी थीं, हमारे तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य बालाराव सावरकर जी थे, उन्होंने श्रीमती गांधी को तार एवं पत्र के माध्यम से आग्रह किया कि इनकी मात्रभूमि नहीं है किन्तु इनकी पितृभूमि है अतः माननीय दृष्टिकोण के तहत इनको हिन्दुस्थान कि नागरिकता दी जाए, जिसको श्रीमती गांधी ने अपने तत्काल प्रभाव से ५०००० युगांडा के हिन्दुओं को हिन्दुस्थान कि नागरिकता दी, जो भारत के इतिहास में एक एतिहासिक तथ्य है l
श्रीमती गांधी का यह एतिहासिक निर्णय वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत को स्वीकार करता है यही भारतीय सिद्धांत है l जिस प्रकार भेड़िये के द्वारा अपने शिकार को घेर कर मारा जाता है उसी प्रकार से इस्लामिक साम्राज्यवादी जिहादी मुसलमानों के द्वारा हिन्दुओं पर बर्बर अत्याचार हो रहा है जो कि आपके संज्ञान में है l
वसुधैव कुटुम्बकम और अतिथि देवो भव: ये हमारे प्राचीन भारतीय सिद्धांत हैं और इसकी आप मूर्तिमान स्वरूप हैं l ८ सितम्बर २०११ को पकिस्तान से ११९ हिन्दुओं ने तीर्थयात्रा वीजा के बहाने प्राण रक्षा हेतु पुण्यभूमि - पित्रभूमि भारत में आगमन किया l इनमे से अधिकतर हिन्दुओं को धर्मांतरण हेतु भयंकर रूप से प्रताड़ित किया गया है, ये आजीवन उपेक्षा एवं उत्पीड़न के शिकार रहे हैं l पाकिस्तान में सम्पूर्ण हिन्दू समाज को शिक्षा, चिकित्सा, सुरक्षा तथा मानवाधिकारों से वंचित रखा गया है l हिन्दू बच्चों को शिक्षा के समय धर्मांतरण के लिए भयंकर प्रताड़ित किया जाता है और अमानवीय शारीरिक यातनाएं दी जाती हैं l
कुछ बच्चों के मोलवीयों द्वारा हुई पिटाई के कारण कान के पर्दे तक फट चुके हैं l
कुछ स्त्रियों के स्तन आदि कटे हुए हैं l इनमे से कई लोगों को जबरदस्ती हैपेटाईटिस - बी का इंजेक्शन लगा कर आजीवन रोगग्रस्त बना दिया गया है, इसके पीछे का उद्देश्य हिन्दुओं का वंश नाश है l विगत दिनों चार हिन्दू चिकित्सकों कि जघन्य हत्या इस्लामी कट्टरपंथियों ने सिंध प्रांत में की गई l कराची के चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने गत दिनों एक जन समारोह में यह स्वीकार किया है कि कराची महानगर के अन्दर प्रति दिन 100 से अधिक बलात्कार हिन्दू नारियों के किये जाते हैं, और अधिकतर को धर्मान्तरित कर दिया जाता है तथा प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं कि जाती l
माननीय आप एक मातृ शक्ति हैं, पुर्णतः आशा एवं विश्वास के साथ नम्र प्रार्थना एवं अनुरोध है कि पाकिस्तान से आये हुए असहाय, उत्पीड़ित और प्रताड़ित हिन्दू नागरिकों को केवल एकमात्र आपके द्वारा न्याय एवं सहयोग कि आशा में यह प्रार्थना पत्र आपको बहुत पीड़ा के साथ प्रस्तुत कर रहा हूँ, कि इनके वीजा कि अवधी को को विस्तार देकर इनको पित्रभूमि भारत में रहने हेतु नागरिकता प्रदान करने कि प्रक्रिया आरम्भ कि जाए l साथ ही आपसे नम्र अनुरोध करता हूँ कि पाकिस्तान में रह रहे 38 लाख हिन्दुओं कि शिक्षा, चिकित्सा, सुरक्षा एवं मानवाधिकारों के लिए पकिस्तान सरकार पर दबाव बनाया जाये l
यह सभी विषय विभिन्न समाचार पत्रों एवं इलेक्ट्रोनिक माध्यमो द्वारा ज्ञात हुआ है l
पंडित बाबा नंद किशोर मिश्र
(वरिष्‍ठ नेता
, अखिल भारत हिन्‍दू महासभा)

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