Saturday, November 15, 2014

मुसलमानों के लिंग पिघल गए !!

 भंडाफोडू

संतोष राय 

लेख  का   ऐसा शीर्षक  पढ़ कर  पाठक  जरूर  हँसेंगे , लेकिन  यह अफरीका के मुस्लिम  देश सूडान  की  राजधानी  खारतूम  की सत्य  घटना  है।  और मुसलमानों  के  अंधविश्वास  , भेड़चाल और मूर्खता   को  साबित  करने के लिए  पर्याप्त  है  ,

चूँकि  इस्लाम  ज्ञान  की  जगह ईमान( अंध विश्वास  )  पर   जोर  देता  है  , और  किसी  भी   तथ्य  को परखने  और  प्रश्न  करने को गुनाह  मानता है , और  मुल्ले  कहते  है  कि अल्लाह को  ईमान   के बारे में अक्ल   का   दखल  करना पसंद नहीं   है  . मुसलमानों  के  कलमए  शहादत   से  उनकी भेड़ चाल   साबित होती   है  , जब  वह  कहते  हैं  "अश्हदु अन्  ला  इलाहा  इल्लल्लाह  , व् अश्हदु अन  मुहमदर्रसूलुल्लाह " अर्थात  " गवाही  देता हूँ अल्लाह के आलावा  कोई  देवता  नहीं  , और  गवाही  देता  हूँ  कि मुहम्मद  अल्लाह   का  रसूल  है   . इस्लाम के  उदय से आज  तक मुसलमान  बिना किसी  सबूत  के  यही  गवाही  देते आ रहे हैं  , लेख   का मुख्य  विषय मुसलमानों   की  ऐसी ही झूठी गवाही देने की आदत , भेड़चाल  और  मूर्खता प्रकट करती है  . यद्यपि   यह  घटना 28  अक्टूबर  2003  की   है  और  लोग  इसे भूल  गए होंगे   . लेकिन  यह घटना  भारत से  सम्बंधित   है  इसलिए  इसे  देना  जरूरी  है  .
सूडान  के  के मुसलमान  चाय  की  जगह गुड़हल   के  फूलों  का चूर्ण उबाल कर  पीते  हैं  , जो  भारत से निर्यात  किया जाता  है   . गुडहल  को  अंगरेजी  में " Hibiscus  "  कहा जाता है  , इसका  बोटेनिकल  नाम  " Hibiscus sabdariffa   "  है  . इसके  लाल  रंग  के फूलों   को  सुखा  कर   चूरा  करके उबाल जाता   है , फिर इसे  चाय की  तरह   पिया  जाता है  , या  ठंडा  करके शरबत की  तरह  पीते हैं.
 अरबी   में  इसे " करदियह -كركديه     " कहते हैं  गुडहल से बनी चाय को प्रयोग सर्दी-जुखाम और बुखार आदि को ठीक करने के लिये प्रयोग की जाती है।
 .http://.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/9/94/Flor_de_Jamaica.jpg/220px-Flor_de_Jamaica.jpg

सूडान  के  अरबी  अखबार " अल कुदस अल अरबी - لقدس العربي  "  के  अनुसार  दिंनांक  28  अक्टूबर  2003  के अनुसार सूडान की  राजधानी  खारतूम  में जब एक  व्यक्ति  दुकान    से " कर्दियाः " का  पैकेट खरीदने गया  तो  अचानक  उसका लिंग  पिघल कर उसके शरीर  में समां गया  ( his penis melt into his body ) .यही नहीं   दुकानदार का लिंग  भी  थर्राने  लगा (seller felt his penis shivering) .

   ग्राहक  और  दूकानदार  यह चमत्कार  देख  कर बेसुध हो  गए  और  तुरंत  उनको अस्पताल भेज  दिया गया  . सूडानी   अखबार " अल  राइ अल आलम अस सूडान -  -السودان    الرأي العام
  "के  अनुसार उसके  बाद  जिस  भी  मुस्लिम  ने  किसी  गैर  मुस्लिम   से  हाथ  मिलाया   उन  सभी  के लिंग  पिघल   कर गायब   हो  गए।  लोग  इसके लिए भारत से  भेजी गयी चाय  को जिम्मेदार  बताने लगे  .  इसी   तरह  एक  व्यक्ति   ने  अपना  नाम बताये बिना कहा की  जब वह बाजार में  दुकान   से  कंघा  खरीदने गया तो तो उसे  अपने लिंग में अजीब  सी अनुभूति होने लगी , और थोड़ी   ही  देर में  उसे  पता हुआ की वह  अपना लिंग  खो  चूका  है   ( Another victim, who refused to give his name, said that while he was at the market, a man approached him, gave him a comb, and asked him to comb his hair. When he did so, within seconds, he said, he felt a strange sensation and discovered that he had lost his penis ) धीमे  धीमे  फोन  और मोबाईल  से लिंग गायब होने की हजारों  खबरें पूरे खारतूम  में  फ़ैल गयीं  . सारे शहर में हजारों  ऐसे   गवाह  प्रकट हो गए जो   दावा करने लगे कि मेरे सामने  मेरे  अमुक मित्र  या  पड़ौसी  का लिंग गायब  हो गया  . जब हजारों   लोग कसम खाकर  यही  गवाही देने लगे तो   . खारतूम  के एटॉर्नी  जनरल " ( Attorney General    )सलाह  अबू  जैद (  Salah Abu Zayed  )  ने आदेश   दिया  की  जिनके  भी  लिंग   गायब   हो   गए हैं उन  सभी को एक  विशेष मेडिकल  कमिटी  के  सामने  जाँच   के लिए  प्रस्तुत  किया  जाए  . जो  लिंग गायब  होने  का  कारण   पता  करे  ,

लेकिन   जाँच  के बाद जो  भी पता  चला , वह  काफी  हास्यास्पद  है  , क्योंकि  सभी  के लिंग सलामत थे। सभी  शिकायत कर्ता  स्वस्थ  थे। सभी  मुसलमान लिंग गायब   होने  की झूठी  शिकायतें   कर  रहे  थे  , और  उनके मित्र  इसलिए झूठी  गवाही  दे रहे थे , क्योंकि उनका कलमा  खुद  झूठी  गवाही  देने की  शिक्षा  देता  है।

निष्कर्ष - .जिस  तरह  से  सूडान   के  मुसलमान  बिना  किसी  प्रमाण  के  लोगों  के  लिंग  पिघलने की  बात किसी से सुन  कर  दूसरों   तक  फैलाते  रहे  और लोग  सुनी  सुनाई  बातों   पर  गवाही  देते  रहे  , उसी  तरह  सभी  मुसलमान  कलमा   पढ़ कर  रोज  झूठी  गवाही   देते हैं  , कि  मुहम्मद अल्लाह के रसूल  है ,
न्याय  शाश्त्र   के  अनुसार ऐसी  गवाही  को " श्रुतानुश्रुति साक्ष्य "  कहा  जाता   है   . सामान्य   अंगरेजी में  इसे   "Hearsay evidence     "  इसे   "  disambiguation  "   भी  कहते  हैं .भारतीय साक्ष्य  अधिनियम (  the Indian Evidence Act, 1872  ) की धारा 32  और 60   में श्रुतानुश्रुति   गवाही  की परिभाषा   इस प्रकार दी  गयी   है ,

"HEARSAY EVIDENCE. The evidence of those who relate, not what they know themselves, but what they have heard from others.
     2. As a general rule, hearsay evidence of a fact is not admissible. If any fact is to be substantiated against a person, it ought to be proved

Oral  testimony about an out-of-court statement attributed to someone other than the testifying person. Such evidence is generally inadmissible because the person to whom the statement is attributed cannot be cross-examined

अर्थात  -श्रुतानुश्रुति ऐसी  गवाही    होती  है  जिसके बारे में  गवाह  खुद  नहीं   जानता  हो  , और  उसने  सारी  बातें   दूसरों    से सुनी  हों   . और सामान्य  नियम  के  अनुसार  ऐसी  गवाही  स्वीकार्य   नहीं   हो  सकती , जब तक तथ्य    प्रमाणित  नहीं किये  जाएँ   , 2 . ऐसी  गवाही   इसलिए भी स्वीकार्य नहीं  हो सकती क्योंकि अदालत  में बहस  के लिए गवाह   को  प्रस्तुत   नहीं   किया  जा  सकता   है  .
इसलिए   लोगों   को  समझ   लेना चाहिए कि  यदि  सारे मुसलमान  गरम  तवे    पर बैठ   कर भी  गवाही  दें  कि केवल  अल्लाह  की ही  इबादत करो और मुहम्मद   अल्लाह  के  रसूल  है  . तो  उनकी   इस बात पर  हरगिज   विश्वास   नहीं  करना   , क्योंकि  यह बात उसी  तरह झूठ  है   जैसे  लिंग पिघलने की  बात है  .




 http://www.businessdictionary.com/definition/hearsay-evidence.html#ixzz3GBbWO3is


http://wikiislam.net/wiki/Muslim_Conspiracy_Theories


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 http://bhaandafodu.blogspot.in/2014/10/blog-post.html

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